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एक किसान और एक संत Ki Kahani
एक बार की बात है – एक दरिया के किनारे एक किसान दुखी हालत में बैठा हुआ था। वह बिल्कुल उदास और मायूस नजर आ रहा था। उसी वक्त वहां से एक संत गुजर रहे थे। उन्होंने उस आदमी को देखा और उसके पास चले गए, और पूछा की – बेटा क्या बात है? तुम ऐसे उदास नदी के किनारे क्यों बैठे हो?
उस आदमी ने उनको देखकर खूब जोरो से रोना शुरू कर दिया और रोते-रोते कहने लगा उसकी परेशान भरी जिवन की दास्तां। वह कहने लगा कि मैं अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हूं मेरे पास रहने को घर नहीं है ,खाने को अन्य नहीं है ,पैसे नहीं है, कामकाज नहीं है। मैं अपने जीवन से बहुत तंग आ चुका हूं और मैं खुदकुशी करने जा रहा हूं।
किसान की यह सब बातें सुनकर संत कहने लगे तुमको अगर खुदकुशी करनी है तो कल कर लेना आज मुझे अपना वक्त दे दो और मेरे साथ चलो। संत ने उस किसान को राजा के दरबार में ले आए और राजा को कान में कुछ कह दिया राजा ने कहा ठीक है।
अब संत ने किसान के कान में कहा भाई – राजा यह कह रहे हैं इस किसान को तो खुदकुशी करनी है कोई बात नहीं , लेकिन खुदकुशी करने से पहले अगर तुम अपनी मर्जी से अपनी एक आंख राजा को दे दोगे तो राजा तुम्हें 1000 सोने की सिक्के दे सकते हैं। तुम तो खुदकुशी करने ही वाले हो तो अच्छा होगा एक आंख अपना राजा को दे दो।
वह किसान कहने लगा नहीं नहीं मैं खुदकुशी नहीं करूंगा मैं नहीं दूंगा अपनी आंख।
तब राजा ने कहा अच्छा कोई बात नहीं 1000 नहीं 2000 सोने के सिक्के ले लो आंख नहीं दे रहे हो तो अपने हाथ दे दो या फिर कान दे दो यह दे दो वह दे दो। इसी तरह बात बहुत देर तक चलती रही और आहिस्ता आहिस्ता वह किसान जो खुदकुशी करने को तैयार था उसे यह एहसास हुआ कि वह अपने आप में लाखों का है। तो फिर क्यों खुदकुशी करने का सोच रहा है।
उस किसान को अपना जीवन का मूल्य समझ में आया और वह उस संत के पैर में गिरकर रोने लगा और रो रो के कहने लगा कि बाबा मुझे अपनी जीवन का मूल्य समझ में आ चुका है। मैं बहुत बड़ी भूल करने जा रहा था आपने मेरे आंखें खोल दी और मुझे यह एहसास दिलाया के मेरे पास जो कुछ भी है वह अनमोल है बेशकीमती है जिसका कोई कीमत नहीं लगा सकता।
और अगर हमारी हाथ पैर हमारा शरीर अगर स्वस्थ है हम जीवन में कुछ भी पा सकते हैं। खुदकुशी करना सिर्फ अपनी कायरता की निशानी है।
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Image source : Pixabay.com |
Main Message : मुख्य संदेश
इंसान की आंखें ईश्वर ने जो दे रखा है उस तरफ ना जाकर हमेशा उस तरफ भागती है जो चीज उसके पास नहीं है। यही मुख्य कारण है इंसान की परेशानी का। इंसान के पास उसके होने के साथ-साथ बहुमूल्य चीजें उसके साथ है जैसा आंख जिससे वह देखता हैं – नाक जिससे वह सुनता है – जुबान जिससे वह बोलता है और भी कितना कुछ है।
लेकिन वह उसकी महत्व को नहीं समझता है । उसे वह चीजें नजर ही नहीं आती जो उसके पास है। उसकी नजर हमेशा उन चीजों पर रहती है जो चीजें उसकी नहीं है और यही इंसान के परेशानी का सबसे बड़ा कारण है।
Moral of the gratitude hindi story:
तो हमें इस कहानी से क्या समझ में आया, के इंसान को अगर उसके पास मौजूद नियामत जो है उनकी अहमियत का अंदाजा हो जाए तो उसके उदासी-उसके परेशानी दूर हो सकती है।
तुम्हें क्या समझ में आया कि Gratitude / शुकराना /कृतज्ञता प्रकट करना सारी खुशियों चाबी है ।